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दिवाली पर मां लक्ष्मी को चढ़ाए ये सामग्री नही रहेगी धन की कमी, ऐसे करे लक्ष्मी पूजन

नमस्कार दोस्तों तो आज हम आपको इस लेख में बतायेंगे कि दीपावली के दिन होने वाले श्री गणेश और माँ लक्ष्मी के पूजन के विधि क्या हैं, किन वस्तुओं की आपको पूजन के समय अवश्यकता पड़ेगी, किन मन्त्रों का उच्चारण करना होगा ? किस प्रकार की मिठाई का भोग लगाया जाना चाहिए, यदि मिठाई उपलब्ध नही है तो फिर क्या करे, किस प्रकार के पुष्प चढ़ाने चाहिए आदि संबन्धित जानकारियाँ अपने इस लेख में विस्तार से दी गई है। इसलिए लेख को पूरा और ध्यान से पढ़े :-

दीपावली, हिन्दू के सबसे बड़े त्योहारों में से एक, चारों तरफ रोशनी ही रोशनी, हर तरफ बस अच्छाई का बुराई पर उजाला-ही उजाला, चारों तरफ बस मिठाई की खुशबू, पटाकों के शोर, रात में तरह तरह की जगमगाती लाइटें और फुलजड़ी वहीं गांवो में जायें तो कुछ कच्चे पक्के मकान, द्वार और जमीन पर गोबर में गेरू मिलाकर की हुई लाल-लाल लेप हर तरफ बस घरों से खोया और मिठाइयों की आती हुई खुशबू, हर तरफ बस खुशियाँ – खुशियाँ , ऐसा होता है, हमारे यहाँ दिवाली का त्योहार वहीं रात को दीपकों को चारो ओर जलाने से पहले होने वाला लक्ष्मी गणेश पूजन अति मनमोहक लगता हैं।

किन वस्तुओं को पूजन के समय पढ़ेगी आवश्यकता ?

जब आप मां लक्ष्मी और भगवान गणेश जी का पूजन करने जाएं उसे समय आपको कुछ वस्तुओं को पहले से ही एकत्रित करके रख लेना अति आवश्यक है क्योंकि इससे आपको पूजा के समय बार-बार उठना बैठना नहीं पड़ेगा।

आपको बता दें कि इनमें से जो भी वस्तुएं आपको मां लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजन के समय आवश्यकता पड़ेगी वे सभी इस लेख में दी गई हैं और यह सभी वस्तुएं आपके नजदीकी किराना स्टोर पर आराम से मिल जाएगी,

आपको पूजन के समय जिन वस्तुओं की आवश्यकता पड़ेगी वे है :

जब आप मां लक्ष्मी और भगवान गणेश जी का पूजन करने जाएं तब आपको पहले से ही पूजा की थाली में 4 से 5 कपूर के टुकड़े, एक पानी भरा नारियल, एक सुखी गरी का गोला, दो मुट्ठी आम की पतली पतली लकड़ियां (ध्यान रहे आप जो भी लकड़ीयां लेने जाएं वह सीधे दल से टूटी हुई हो), एक जायफल जो की पूर्ण आहुति के समय चढ़ाया जाता है, एक माचिस की डिब्बी, 100 से 150 ग्राम गाय का शुद्ध घी, दो कमल के पुष्प , 11 कमल के बीज, प्रति व्यक्ति के हिसाब से लौंग के जोड़े, दो चुनरी ( जिसमें से एक चुनरी पीले जो की गणेश जी के लिए और दूसरी चुनरी लाल जो कि लक्ष्मी मां को अर्पित करने के लिए), बिना टूटे 108 अक्षत (चावल), दो गेंदे के पुष्प की मालाएं, दो गुलाब के फूल, एक पीस सफेद मिठाई और एक पीस पीली मिठाई, धूप, दीप, तेल और सबसे विशेष चावल की खीलें, 108 कमल घट्टों की माला,

और साथ ही जो सबसे विशेष वस्तु है वह है 9 धातु के सिक्के , कोई एक सोने की धातु, कोई एक चांदी की धातु

इतनी चीजों को लेकर अब आप पूजन करने के लिए बैठ सकते हैं। पूजा कैसे करनी है किन मित्रों का चरण करना है इससे संबंधित बातों का उल्लेख आगे इस लेख में किया गया है :-

यह है भगवान गणेश और मां लक्ष्मी के पूजन की सही विधि ,

अब बात आती है पूजा करने की विधि क्या है किस प्रकार मां लक्ष्मी और भगवान गणेश का पूजन किया जाए ताकि मां लक्ष्मी की कृपा आपके ऊपर हमेशा के लिए हो जाए। तो आपको बता दे की आपको बताएगी सामग्री को लेकर सबसे पहले आप गेहूं के आटे से एक चौक बना ले या फिर रंगोली को सजा लें अब इस पर एक आसन पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश को स्थापित करें ध्यान रहे आसन धुला वा साफ़ होना चाहिए।

महालक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा को स्थापित करने के बाद अब आपको हवन सामग्री में से आम की लकड़ियों को चौकोर आकृति में लगाना है हवन बना लेने के बाद अब आपको मां लक्ष्मी और भगवान गणेश को रोली से तिलक करना है, इसके बाद अब आपको भगवान को वस्त्र अर्पित करने हैं अब आप सभी सिक्कों को भी तिलक करें क्योंकि यह सिक्के हमारे नौ ग्रहों के स्थान पर स्थापित किए जाते हैं।

इसके बाद आप अब मां लक्ष्मी को कमल या गुलाब का पुष्प और भगवान गणेश को गेंदा या कोई अन्य पीले पुष्प को अर्पित करें,इ सके बाद जो आपको काम करना है वह है मां लक्ष्मी और गणेश जी को मिठाई का भोग चढ़ाना, ध्यान रहे मां लक्ष्मी को सफेद मिठाई ही चढ़ाई जाएगी और भगवान गणेश को पीली मिठाई चढ़ाई जाएगी।

अब आप यज्ञ में गोबर से बने उपलों से प्रज्वलित अग्नि को हवन में अग्नि का प्रवेश कराएंगे जिसके बाद आप :-

मां लक्ष्मी के मूल मंत्र “ॐ ही श्री क्रिं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पुरेय, धन पूरेय, चिंताएं दूरेय – दूरेय स्वाह: “ का जाप कर धूप घी और नैवेद्य चढ़ाएंगे। अब आपको पूरा होती में लिया हुआ गाड़ी का गोला और जायफल को घी में डुबोकर कलवा से बांधकर चढ़ाएंगे ध्यान रहे गाड़ी के गले को हवन में प्रचलित अग्नि के बीचो-बीच कुछ देर तक लटकता है जिसके बाद आप नारियल को हवन में स्वाहा कर दें अब आप तेल और घी के दीपकों को जला लें,

अब आपको लक्ष्मी जी की आरती करनी है जिसके बाद आप रख दीपकों में से पांच घी के दीपक और बाकी के तेल के दीपक जलाएंगे। घी के दीपक जलाने के बाद इनमें से एक घी के दीपक को जल स्रोत के पास दूसरे दीपक को मंदिर में तीसरे दीपक को अनाज के पास चौथ दीपक को गोवर्धन के पास और पांच में दीपक को किचन में रख दें और बाकी के दीपों को आप कहीं भी रख सकते हैं।

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Disclaimer : ऊपर लेख में दी गई जानकारी को कई स्रोतों से उठाया गया है इसलिए इस लेख में वर्णित कोई भी जानकारी यदि अधूरी होती है या कहीं पर कोई गलती होती है तो इसकी जिम्मेदारी वेबसाइट की किसी भी प्रकार से नहीं होगी।

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