Vastu tips : धनतेरस मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए एक बहुत ही खास त्योहार माना जाता है ऐसा माना जाता है कि इस दिन मां लक्ष्मी जी की पसंदीदा कुछ खास वस्तुओं को यदि आप अपने घर में लाते हैं और उनका विधि विधान से पूजन प्रक्रिया आदि करते हैं तो मां लक्ष्मी की कृपा अवश्य ही आप पर जल्द ही होने लगती है।
यदि वास्तु शास्त्र की माने तो इस वस्तु को सही दिशा व घर के सबसे सही कोन अथवा स्थान पर यदि आप इस वस्तु को स्थापित करते हैं तो मां लक्ष्मी आपके घर में अवश्य ही निवास करने लगते हैं साथ ही दरिद्रता, धन की कमी, रोग दोष ,घर में क्लेश, बढ़ते हुए कर्जे आदि संबंधी समस्याओं से आपको जल्द ही मुक्ति मिलने लगती है । तो आपको बता दें की धनतेरस के दिन यदि आप घर में मां लक्ष्मी की श्री यंत्र को लाकर अपनी पूजा स्थान अथवा एक निश्चित दिशा जिसे की आगे लेख में बताया गया है में स्थापित करते हैं तो आपको निश्चित ही हर क्षेत्र में लाभ मिलना शुरू हो जाते हैं।
आपको बता दें कि श्री यंत्र माता लक्ष्मी का यंत्र होता है साथ ही इस यंत्र को अन्य यंत्रों से भी सबसे ताकतवर माना जाता है। श्री यंत्र को कैसे स्थापित करें, घर के किस दिशा में श्री यंत्र को स्थापित किया जाना चाहिए, श्री यंत्र को स्थापित करते समय किस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए आदि संबंधी जानकारियां आपको आगे इस लेख में देने की पूरी कोशिश की गई है इसलिए लेख को पूरा और ध्यान से पढ़ें,
श्री यंत्र को स्थापित करने की विधि
श्री यंत्र को घर में लाने मात्र से ही यह यंत्र आपको अपना असर दिखाना प्रारंभ नहीं करेगा इसके लिए आपको पहले श्री यंत्र को स्थापित करने की पूरी प्रक्रिया को समझ लेना अति आवश्यक हो जाता है। यदि हम ज्योतिष शास्त्र की माने तो जब आप श्री यंत्र को स्थापित करने के लिए जाते हैं उससे पहले आवश्यक होता है कि आप सबसे पहले अच्छे से स्नान कर लें इसके बाद आप साफ सुथरे वस्त्रों को धारण कर लें।
अब जब आप स्नान करते हैं उसके बाद आप श्री यंत्र को गंगाजल और पंचामृत से स्नान कारण ताकि श्री यंत्र शुद्ध हो जाए। आपको बता दें कि श्री यंत्र को गंगाजल और पंचम रस से स्नान करने के बाद अब आप मां लक्ष्मी के श्री यंत्र को अपने घर के मंदिर में स्थापित करें। धर्मेश श्री यंत्र को स्थापित करते समय कुछ मित्रों दिशाओं आदि का भी ध्यान रखना होता है जिनका उल्लेख आगे लेख में किया गया है।
आपको बता दें कि यदि हम ज्योतिषाचार्यो की माने तो श्री यंत्र को घर में विधि विधान से स्थापित करने के बाद श्री यंत्र की विधि विधान से पूजा अर्चना करने मात्र से ही आपकी सभी समस्याओं का निवारण होना प्रारंभ हो जाता है। धनतेरस का त्योहार मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का एक सुनहरा अक्षर होता है कई लोग इस दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न उपाय भी किया करते हैं लोग अपने-अपने प्रकार से मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने की पूरी कोशिश में जुटे रहते हैं। किंतु वे यदि केवल मां लक्ष्मी के श्री यंत्र को ही घर में स्थापित करने तो उसे ही उनके कई समस्याओं का हाल अपने आप होना शुरू हो जाएगा।
श्री यंत्र को किस दिशा में स्थापित करें ?
कई लोग पूरी जानकारी प्राप्त किए बिना ही श्रीयंत्र को स्थापित कर देते हैं जिसके कारण कभी-कभी ऐसा भी हो जाता है कि श्री यंत्र अपना अच्छा प्रभाव दिखाने की बजाय दुष्प्रभाव दिखने लगता है इससे घर में कई समस्याएं आने लगते हैं बीमारियां आने लगते हैं, धन की कमी भैया होने लगती है या कुछ और गंभीर समस्याएं भी प्रकट हो जाती हैं। इसलिए आवश्यक हो जाता है कि धनतेरस के अवसर पर जब आप श्री यंत्र को स्थापित करने के लिए जाते हैं तो उसे सही दिशा में ही स्थापित करें जिससे कि श्री यंत्र अपना सु प्रभाव ही दिखाएं कु प्रभाव दिखाने लगता है।
आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें कि जब आप मां लक्ष्मी के यंत्र श्री यंत्र को स्थापित करने के लिए जाते हैं तो उसे हमेशा ईशान कोड में ही स्थापित करें। ईशान कोण में जब आप श्री यंत्र को स्थापित करते हैं तो यह अपना अच्छा प्रभाव दिखाना शुरू करता है जिसके कारण आपके घर की सब कई समस्याओं का निवारण जल्द ही होने लगता है धन की कमी नहीं होती है मां लक्ष्मी आपके घर में भी निवास करने लगती हैं।
ईशान कोण सभी देवी देवताओं की सबसे प्रिय दिशा होती है, वास्तु शास्त्र की माने तो वास्तु शास्त्र कहता है कि घर का मंदिर भी हमेशा ईशान कोण पर ही होना चाहिए यदि घर के मंदिर का मुख अथवा श्री यंत्र को ईशान कोण के अलावा किसी अन्य दिशा में स्थापित किया जाता है तो उसका असर कम हो जाता है अर्थात घर का मंदिर ईशान कोण की बजाय किसी अन्य दिशा में होता है तो वह अपना प्रभाव कम कर देता है किंतु यदि आप श्री यंत्र अथवा घर के मंदिर के मुख को दक्षिण दिशा में स्थापित कर देते हैं तो यह अपने अच्छे प्रभाव के अलावा अपना बुरा प्रभाव दिखाने लगता है।
श्री यंत्र को स्थापित करते समय किस मंत्र का उच्चारण करें
जब आप श्री यंत्र को स्थापित करने के लिए जाते हैं तो उससे पहले आपको जिन बातों का ध्यान रखना होता है उनमें से कुछ बातों को ऊपर बताया जा चुका है। वही जब बात आती है कि श्रीयंत्र को स्थापित करते समय किस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए तो आपको बता दें कि जब आप श्री यंत्र को स्थापित करने के लिए जाते हैं तो उससे पहले स्नान कर श्री यंत्र को पंचामृत और गंगाजल से स्नान कराकर शुद्ध करके उसे किस कोड में स्थापित करने के लिए जाएं तब इस मंत्र ‘ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं नम: या ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं’ ‘ का जाप करना आवश्यक है। आपको बता दें कि जब आप श्री यंत्र को स्थापित करने के लिए जाते हैं और इस मंत्र का जाप करते हैं तो तब इस मंत्र के जाप करने के कारण से ही श्री यंत्र की शक्ति काफी गुना बढ़ जाती है। और शास्त्रों की माने तो ऐसा कहा भी जाता है कि जब आप किसी वस्तु या किसी प्रतिमा छवि आदि को स्थापित करने के लिए जाते हैं और उसके लिए किसी विशेष मंत्र का जाप करते हैं तो तब उसे स्थापित की गई वस्तु की शक्ति पहले से काफी गुना तक बढ़ जाती है।
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