मकर संक्रांति हिंदुओं का एक विशेष त्यौहार है इसकी निश्चित तारीख को लेकर लोगों में संसार बना हुआ है कि मकर संक्रांति का त्योहार 14 जनवरी को मनाया जाएगा या 15 जनवरी को साथ ही कैसे कैसे स्नान दान किया जाता है वह मकर संक्रांति पर किन वस्तुओं का दान करने से अधिक से अधिक फल प्राप्त होता है इस संदर्भ में जानकारी आपको आगे लेख में दी गई है, इसलिए लेख को पूरा और ध्यान से पढ़ें :-
14 जनवरी या 15 जनवरी कब है मकर संक्रांति का त्यौहार
मकर संक्रांति के त्यौहार का सनातन धर्म में एक विशेष स्थान है इस दिन लोग स्नान दान, वस्त्रदान ,वस्तु दान, धन-दान आदि कर कर अपने पापों को नष्ट करने का प्रयास करते हैं।
मकर संक्रांति का त्यौहार हिंदू मान्यताओं के अनुसार तब मनाया जाता है जब सूर्य देव धनु राशि में से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं उसे समय से मकर संक्रांति की बेला शुरू हो जाती है। आपको बता दे की हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष 2024 में मकर संक्रांति का त्यौहार 15 जनवरी को मनाया जाएगा जो की प्रातः काल 2 बजकर 54 मिनट से शुरू हो जाएगा और मकर संक्रांति का मध्य रात के 11 बजकर 54 मिनट तक रहेगा।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस वर्ष 2024 में पढ़ने वाला मकर संक्रांति का त्योहार जो की 15 जनवरी को मनाया जाएगा इस मकर संक्रांति के त्यौहार को बेहद ही विशेष माना जा रहा है क्योंकि इस संक्रांति के दिन जो संयोग बन रहा है वह 77 साल बाद बन रहा है जो की वरियान योग और रवि योग के संयोग से बन रहा है। इस दिन बन रही सहयोग से मंगल और शुक्र दोनों ग्रह एक साथ धनु राशि में प्रवेश करेंगे जिससे इस मकर संक्रांति को किया गया दान अन्य दिनों में दान किया करने की अपेक्षा अधिक फल दाई रहेगा।
मकर संक्रांति पर क्या दान करें वह कैसे दान करें
हिंदू मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के त्योहार पर दान पुण्य करना बेहद शुभ माना जाता है ऐसा माना जाता है कि इस दिन स्नान दान करने से आपके पिछले जन्म में हुए पापों से आपको मुक्ति मिल जाती है और इस जन्म में जो भूल से आपके पाप हुए हैं उनसे भी आपको मुक्ति प्राप्त होती है। ऐसा माना जाता है कि मकर संक्रांति के त्योहार पर यदि आप जरूरतमंदों को गाय का देसी घी, काले तिल, चावल, मिठाई, वस्त्र या ऊन के वस्त्र, श्रृंगार का सामान या अन्य कोई वस्तु को जरूरतमंद को दान करते हैं तो आपका लोक व परलोक दोनों सुधर जाता है।
मकर संक्रांति पर स्नान दान कैसे करें ?
मकर संक्रांति के त्योहार पर स्नान दान करना बेहद ही पुनीत या पवन माना जाता है ऐसी मान्यता है कि इस दिन स्नान दान करने से आपको 100 अश्वमेध यज्ञ और 1000 गायों के दान के समान पुण्य की प्राप्ति होती है। अब बात आती है कि आखिर स्नान दान किया कैसे जाए तो आपको बता दें कि मकर संक्रांति के दिन आपको गंगा नदी में स्नान करना होता है जिसके बाद सूर्य देव को अर्क दें फिर आप किसी जरूरतमंद व्यक्ति को गाय का देसी घी या गुड, खिचड़ी, चावल, मिठाई, वस्त्र आदि का दान कर पुण्य के भागी बन सकते हैं।
इस क्रिया को ही मकर संक्रांति के दिन स्नान दान की संज्ञा प्राप्त है। यदि आप स्नान दान करने में समर्थ ना हो या कोई बाधा आ रही हो तो उसका भी एक उपाय है कि आप घर में ही स्नान करके किसी जरूरतमंद को ऊपर बताई गई चीजों में अपनी श्रद्धा अनुसार कोई भी चीज दान कर सकते हैं या धन भी दान कर सकते हैं इस दान के भी आपको कई लाभ प्राप्त होंगे।
क्यों गंगा नदी में ही स्नान करके स्नान दान किया जाता है
कई लोगों के मन में सवाल आता होगा कि आखिर हम गंगा नदी में स्नान करके ही क्यों स्नान दान कर सकते हैं किसी अन्य नदी में स्नान करके क्यों स्नान दान नहीं किया जा सकता तो आपके मन के इस सन से को मिटाने के लिए हम आपको बता दें कि ऐसा इसलिए होता है कि मकर संक्रांति के दिन ही माता गंगा धरती पर उतरी थी और राजा भगीरथ के पीछे-पीछे चलती हुई कपिल मुनि आश्रम तक पहुंच गई थी जिसके बाद में गंगा सागर में प्रवेश कर गई थी। गंगा मां की यह लीला मकर संक्रांति के दिन ही हुई थी और गंगा मां को पवित्र और पाप नाशिनी के रूप में भी जाना जाता है इसीलिए इस दिन मकर संक्रांति के त्योहार पर हम सभी लोग गंगा जी में स्नान करके सूर्य देव को अर्क देते हैं जिसके बाद जरूरतमंदों को फल, वस्त्र, काले तिल, घी, खिचड़ी, धन-धान्य आदि अपनी श्रद्धा अनुसार दान कर पुण्य प्राप्त की आशा करते हैं।
मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी मैं यह वस्तुएं डाली जाती हैं
अब बात आती है कि मकर संक्रांति के दिन जो खिचड़ी दान की जाती है उसे खिचड़ी में पढ़ने वाले तत्व क्या होते हैं वह खिचड़ी किस प्रकार दान की जाती है तो आपको बता दें कि मकर संक्रांति के दिन यदि आप खिचड़ी का दान करते हैं तो उस खिचड़ी मैं श्रद्धा अनुसार एक कटोरी दो कटोरी या 1 किलो 2 किलो अपनी श्रद्धा अनुसार चावल लें जिसमें सही अनुपात में उड़द की दाल दो नमक की कंकड़ी दो लाल मिर्च वी 11 या ₹1 या 101 रुपए अपनी श्रद्धा अनुसार खिचड़ी के साथ व्यक्ति को दान करके उसके चरण छूकर उसे दान करें ऐसा करने से आपके फूल चूक में हुए या नादानी पूर्वक हुए सभी पाप नष्ट हो जाते हैं व सूर्य देव पर आपकी कृपा होने लगती है।
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Disclaimer : ऊपर लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जन सामान्य व कुछ धर्म गुरुओ की जानकारी व बताई गई बातों के आधार पर आपको सजा की गई है यदि इस लेख में कोई त्रुटि होती है तो इसलिए का मकसद किसी भी धर्म को ठेस पहुंचाना या उसकी मान मर्यादा को कम करना नहीं है।