Site icon DRISHTI NEWS 24

14 नवंबर या 15 नवंबर कब भाई दूज का त्यौहार जानें सबसे शुभ मुहूर्त

भाईदूज का त्यौहार जिसे यम द्वितीया के नाम से भी हम सभी लोग जानते हैं इस दिन सभी बहनें अपने भाई को होली या हल्दी चावल आदि से तिलक करती हैं ऐसा माना जाता है कि इस दिन बहन के द्वारा भाई का तिलक करने से यमराज का आशीर्वाद भाई के ऊपर बना रहता है और उसकी उम्र लंबी हो जाती है।

नमस्कार दोस्तों तो आज हम आपको आपके मन में चल रहे सबसे बड़े संशय को दूर करने जा रहे हैं हम आपको इस लेख में बताएंगे कि भाई दूज का त्यौहार कब है अर्थात 14 नवंबर या 15 नवंबर कब है भाई दूज का त्यौहार इसकी सबसे सही तारीख व सबसे शुभ मुहूर्त भी इस लेख में बताया गया है इसलिए लेख को पूरा और ध्यान से पढ़ें,

भाई दूज का शुभ मुहूर्त कितने बजे से कितने बजे तक का है, 14 नवंबर 15 नवंबर कब है भाई दूज का त्योहार जाने सही तारीख

भाई दूज भाई और बहन का दूसरा सबसे पावन त्यौहार है इस दिन बहन अपने भाई को हल्दी चावल या रोली आदि से तिलक करती है और मिठाई खिलाकर उसकी मृत्यु के देवता भगवान यमराज से उसकी लंबी उम्र की कामना करती है ,

किंतु इस समय भाई दूज की तारीख और भाई के तिलक संबंधी शुभ मुहूर्त को लेकर कई लोगों द्वारा अलग-अलग बातें सुनने को मिल रही हैं कोई कहता है कि भाई दूज 14 नवंबर को है तो कोई कह रहा है कि भाई दूज 15 नवंबर को है सभी लोग अलग-अलग बातें बता रहे हैं तो आखिर भाई दूज की सही तारीख क्या है, तो आपको बता दें कि इस वर्ष 2023 में प्रतिवर्ष दिवाली के बाद आने वाला भाई दूज का त्योहार 14 नवंबर और 15 नवंबर दोनों ही दिन मनाया जाएगा दर्शन भाई दूज का त्योहार इस वर्ष 14 नवंबर को दोपहर के 2 बजकर 36 मिनट से शुरू हो जाएगा जोकि 15 नवंबर को दोपहर के 1 बजकर 47 मिनट तक चलता रहेगा।

इस वर्ष आने वाले त्यौहार भाई दूज को यदि आप 15 नवंबर को मानते हैं तो यह ज्यादा शुभ रहेगा क्योंकि ज्योतिष आचार्य द्वारा पता लगाने पर बताया गया है कि 15 नवंबर 2023 को 1 बजकर 47 मिनट के बीच पढ़ने वाले शुभ मुहूर्तों में जो सबसे शुभ मुहूर्त है वह प्रातः काल 15 नवंबर को 6 बजकर 44 मिनट से शुरू हो जाएगा और 15 नवंबर के ही सुबह 9:24 तक चलता रहेगा।

भाई दूज का राहुकाल कब से शुरू होगा, कब करना होगा तिलक

भाई दूज हुई या कोई अन्य त्योहार हर एक त्यौहार में जो राहुकाल का मुहूर्त होता है वह सबसे बड़ा माना जाता है या किसी भी शुभ कार्य को करने जा रहे हो किंतु यदि राहुकाल पड़ रहा हो उसे समय तो वह कार्य नहीं करना चाहिए क्योंकि राहुकाल को सबसे अशुभ माना जाता है इसीलिए आपको बता दे कि इस वर्ष 2023 में आने वाले त्यौहार भाई दूज में राहुकाल कार्तिक मास की उदय अतिथि को 15 नवंबर को 12:03 से शुरू हो जाएगा और दोपहर के 1:24 तक रहेगा।

ऐसा माना जाता है कि सभी कालों में राहु काल सबसे अशुभ होता है यदि आप किसी भी शुभ कार्य को राहुकाल में करते हैं तो वह फलदाई नहीं होता बल्कि कभी-कभी तो ऐसा होता है कि किसी शुभ कार्य को यदि राहुकाल में किया जाए और उसे फल की प्राप्ति की आस की जाए तो उसे परिणाम अशुभ निकलता है अर्थात अशुभ फल मिलता है। इसीलिए आपको बता दें कि यदि आप 15 नवंबर को दोपहर के 12:03 से शुरू होने वाले राहुकाल में जो की दोपहर के 1:24 मिनट पर खत्म होगा के बीच यदि भाई का तिलक करते हैं या बहन को भाई कोई उपहार देता है तो यह बहुत ही अशुभ होता इसलिए राहुकाल में कभी भी भाई-बहन का तिलक ना करें और भाई बहन को उपहार भेंट न करें ऐसा करना बहुत अशुभ होता यदि आप करते हैं किंतु यदि आप इस राहुकाल के अलावा किसी भी समय भाई दूज का त्यौहार मनाते हैं अर्थात बहन भाई को मिठाई आदि खिलाती है और भाई दूज की पूजन प्रक्रिया को पूरा करती है तो इससे कोई दिक्कत नहीं होगी किंतु ऐसा कभी भी राहुकाल में ना करें।

भाई दूज पर पूजन कैसे करें ?

भाई दूज पर बहन भाई की लंबी उम्र की कामना करती है किंतु इसमें आपको कुछ पूजन प्रक्रियाओं का ध्यान रखना होता है जैसे कि जब बहन भाई का पूजन करने जाए तो पूजन की थाली में निम्न सामग्री को एकत्रित कर ले :-

भाई दूज के पूजन में जो सामग्री उपयोग में लाई जाती है वह है एक आरती कुछ सबूत चावल के दाने दो मिठाई तांबे के लोटे में गंगाजल एक कटोरी गेहूं या फिर कोई अन्य अनाज चाहे कोई भी हो इन सामग्रियों को एकत्रित करके रख लेना चाहिए।

-: पूजन विधि :-

जब बहन भाई का भाई दूज पर पूजन करने जाए तो निम्न प्रकार करें :-

बहन द्वारा भाई के भाई दूज पर पूजन करते समय सबसे पहले बहन द्वारा एक आटे का चौक अथवा रंगोली आदि बनानी चाहिए जिसके ऊपर आसान को रखकर भाई और बहन को बैठना चाहिए , यदि बहन द्वारा ऐसा नहीं संभव हो पा रहा है तो भी कोई दिक्कत नहीं होगी केवल जहां पर बहन भाई का पूजन करें उसे जगह को अच्छी तरह साफ कर ले और अब भाई और बहन उसे जगह पर बैठ जाए बहन सर्वप्रथम भाई का तिलक करें उसके बाद बहन भाई की आरती उतारे और उसे मिठाई का भोग लगे अब उसकी अनाज की कटोरी और जल से दो बार सर के ऊपर से घुमाए ऐसा करने से भाई के कार्यों में पढ़ रहे विघ्नों से भाई को मुक्ति मिल जाती है अब बहन द्वारा भाई की लंबी आयु के लिए हेमराज से प्रार्थना करें कि उसके भाई की उम्र लंबी हो और भगवान यमराज उसके भाई के ऊपर सदैव अपनी कृपा बनाए रखें।

यदि आपको हमारी दी गई जानकारी अच्छी लगी हो तो हमारे लिए कुछ ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और जुड़े रहें Drishti news24 के साथ

ऊपर दी गई जानकारी का दवा किसी भी प्रकार से दृष्टि न्यूज़ 24 नहीं करती लोगों द्वारा बताए गए जानकारी के आधार पर इस जानकारी को आपसे साझा किया गया है

Exit mobile version