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2024 में कब है मौनी अमावस्या ? जाने पूजा विधि व दान करने की वस्तुएं

हिंदू धर्म में दान, पूजा, पाठ, व्रत, कथा और दान में अन्न दान, वस्तु दान वस्त्रदान आदि करने का विशेष महत्व है और यह दान विशिष्ट तब किए जाते हैं जब कोई विशेष अनुष्ठान, व्रत अथवा अमावस्या या पूर्णिमा का दिन हो क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यदि आप इन दिनों में कुछ दान करते हैं तो वह अधिक फलदाई होता है साथ ही यदि आप स्नान दान करते हैं तो वह आपके कई दोस्तों को भी खत्म कर देता है।

यह दान तब महत्वपूर्ण हो जाता है जब बात अमावस्या की हो आपकी जानकारी के लिए बता दें की वर्ष के 365 दिनों में 12 बार अलग-अलग महीनो में अमावस्या का दिन आता है और अमावस्या में भी मौनी अमावस्या का विशेष स्थान है क्योंकि इस दिन दान करने से आपको अन्य दिनों में दान करने की अपेक्षा चार गुना फल प्राप्त होता है।

कब है मौनी अमावस्या ?

मौनी अमावस्या का पर्व हिंदू धर्म में एक विशेष स्थान रखता है इस पूजा का विशेष महत्व आपके पैतृक दोष को खत्म करने के लिए होता है।

वेदों और शास्त्रों के अनुसार माघ महीने के कृष्ण पक्ष की तिथि में पढ़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें की इस वर्ष मौनी अमावस्या का पर्व 9 फरवरी 2024 को शुक्रवार के दिन पढ़ रहा है। मौनी अमावस्या के दिन पित्रों को तर्पण और दान करने का विधान है, मौनी अमावस्या के विशेष फलदाई होने के कारण ऐसा माना जाता है कि यदि आप माननीय अमावस्या के दिन दान करते हैं, चाहे वह वस्तु दान हो, अन्न दान हो, वस्तु दान हो, धन दान हो, या किसी भी प्रकार का कोई भी दान हो तो ऐसा माना जाता है कि जल्द ही आपको अपने सभी कष्टों से मुक्ति मिलने लगती है। हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि यदि आप मौनी अमावस्या के दिन पितरों का विद विधान पूर्वक पूजा पाठ आदि करते हैं तो आपको पितृ दोष से भी मुक्ति मिल जाती है।

मौनी अमावस्या पर पूजा पाठ कैसे करें ?

मौनी अमावस्या पर हिंदू धर्म में विष्णु भगवान जी की पूजा आराधना की जाती है। वैसे तो हिंदू धर्म में आप कभी भी दान पुण्य, स्नान दान, पूजा पाठ आदि कर सकते हैं हमेशा ही शुभ फल ही मिलता है किंतु मौनी अमावस्या के दिन यदि आप किसी नदी में स्नान करते हैं और उसके बाद जरूरतमंद लोगों को काला कंबल, दूध, मिठाई, फल, गुड़ और तिल से बनी चीजों का दान करते हैं तो इसका आपको चार गुना फल प्राप्त होगा अन्य दिनों में दान करने की अपेक्षा में।

स्नान दान कैसे करें ? क्या है विधि ?

बहुत से लोग विभिन्न प्रकार से दान करते हैं कोई हैवानियत करके दान करता है या कोई सीधा ही दान कर देता है किंतु आपको बता दें यदि आप वही दान स्नान दान के रूप में करते हैं तो उसका आपको साधारण दान की अपेक्षा बहुत अधिक पुण्य प्राप्त होता है किंतु कुछ लोगों को स्नान दान करने की विधि की जानकारी नहीं होती इसलिए वे स्नान दान नहीं कर पाते है।

तो इसीलिए हम आपको बता दें कि स्नान दान करने की विधि बहुत ही सरल व सुगम होती है इसके लिए आपको अलग से कुछ नहीं करना होता बस जब आप दान करने जाएं तो उससे पहले किसी पवित्र नदी में स्नान कर लें इसके बाद आप जो भी वस्तु को दान करते हैं उसका आपको साधारण दान के अपेक्षा अधिक फल प्राप्त होता है और यदि आप किसी नदी में स्नान करने में संभव नहीं है या कोई बाधा आ रही है तो आप घर में भी आ रहे पानी में कुछ बंदे गंगाजल की मिलाकर स्नान कर सकते हैं वह भी स्नान दान ही माना जाएगा।

आखिर क्यों मनाया जाता है मौनी अमावस्या का त्यौहार ?

जो लोग नहीं जानते की मणि अमावस्या का त्यौहार क्यों मनाया जाता है तो भी आगे लेख को ध्यान से पढ़ें,

कई धार्मिक ग्रंथों के अनुसार यह बताया जाता है कि इस दिन मौनी अमावस्या के दिन ऋषि मनु का जन्म हुआ था जो की एक जो की एक महान ज्ञाता और सिद्ध पुरुष थे। जिस दिन ऋषि मनु का जन्म हुआ उसे दिन अमावस्या की रात थी जिस कारण इस दिन को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाने लगा।

मौनी अमावस्या के दिन क्या नहीं करना चाहिए व क्या नहीं खाना चाहिए ?

कई लोग यह मानते हैं कि मौनी अमावस्या के दिन केवल दान कर देने से आपको पुण्य की प्राप्ति हो जाती है किंतु ऐसा नहीं है कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए जैसे उसे दिन क्या चीज आपको नहीं खानी है क्या कार्य आपको नहीं करने क्या चीज आपको नहीं सुनी या मान्य अमावस्या के दिन आपको अपना पूरा दिन कैसे व्यतीत करना है।

तो आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें कि यदि आप माननीय आवास समस्या के दिन व्रत रहते हैं और दान करते हैं तो सबसे पहला कार्य जो धर्म ग्रंथ के अनुसार बताया गया है खुद को और घर को पवित्र रखें, इस दिन देर रात तक सोने से बचे, सुबह जल्दी उठकर हो सके तो ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य क्रिया के उपरांत किसी नदी में स्नान करें या घर में ही जिस पानी से अपना है उसमें गंगाजल की कुछ बूंदे मिलाकर स्नान करें व अपने भगवान की पूजा वंदना करें फिर आप दान कर सकते हैं।

अब जवाब यह सभी काम कर ले उसके बाद आपके पूरे दिन खाने-पीने का विशेष ध्यान रखना है ध्यान रहे कि इस दिन मौनी अमावस्या को आप फल में वो दही या आलू ही खाएं कोई भी आते से बनी हुई चीज आपको ग्रहण नहीं करनी है।

ध्यान रहे जब आप मौनी अमावस्या पर व्रत हो तो आपको मौन आचरण को व्रत रहने तक धारण करना है और जब आप किसी नदी का घर में स्नान करने उसके बाद मछलियों को आते की गोलियां और चींटियों को आटा खिलाना ही बहुत पुन्य माना जाता है।

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Disclaimer : यह जानकारी सामान्य लोगों द्वारा बताई गई और कुछ किवदंतियो पर आधारित है इसका वास्तविकता से क्या संबंध है इस बात की पुष्टि किसी भी प्रकार से दृष्टि न्यूज़ 24 वेबसाइट नहीं करती।

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